फागुन आयो रे होली भजन लिरिक्स
फागुन आयो रे कन्हैया अब फागुन आयो रे, मेरी चुनर रंग दे श्याम, कन्हैया फागुन आयो रे।
फागुन का है मस्त महिना, जिया जलावे रे मनमोहन काहे दूर रहो अब, चैन ना आवे रे। मेरी चुनर रंग दे श्याम, कन्हैया फागुन आयो रे।
चहूँ दिशा में रंग उड़े, मेरो मन ललचावे रे ,तेरे प्रेम को रंग चढो तन-मन पे, याद सतावे रे, मेरी चुनर रंग दे श्याम, कन्हैया फागुन आयो रे।
बृज गलियन बड़ी धूम मची है, आनंद छाए रे। बिन तेरे कैसे रहूं. ये बिरहा ताप बढाए रे, मेरी चुनर रंग दे श्याम, कन्हैया फागुन आयो रे।
सब गोपिन संग होली खेले, धूम मचाए रे। दासी यशोदा है तेरी, तू क्यूँ बिसरायो रे ,मेरी चुनर रंग दे श्याम, कन्हैया फागुन आयो रे।