Last updated on May 15th, 2024 at 12:21 pm
महावीर जनम कल्याण भजन लिरिक्स
चारो तरफ बस दुख पीड़ा है, कोई हरे न पीर…(2)
सिसक रहा कोई,तड़प रहा है,बहता जाए नीर
आने वाले कल की देखके धुंधली ये तस्वीर
वर्तमान ये पूछे तुमसे, हो कहा महावीर
के फिर से जन्म लो ना, गले से लगा लो ना…(2)
तेरस के चंदा तुमसे हम करते है विनती
वीर प्रभु की झलक अगर तुम्हें वहाँ से जो दिखती
ये संदेशा प्रभु को देना, जल रही है दुनिया
त्राहि त्राहि करे हर प्राणी, आ जाओना खेवैया
के फिर से जन्म लो ना, गले से लगा लो ना…(2)
मिट्टी का मानव है भूखा, दौलत शोहरत का…(2)
बारूदों के ढेर पे बैठा, शोला नफरत का
हर आफत घायल कुदरत का है एक मौन इशारा,
प्रदीप कहता महावीर तुम बिन, जग का कौन सहारा
के फिर से जन्म लो ना, गले से लगा लो ना…(2)
के फिर से जन्म लो ना, गले से लगा लो ना…(2)