Last updated on May 15th, 2024 at 07:19 am
सीता राम विवाह भजन लिरिक्स
राम सिया के शुभ विवाह की घड़ी है,
सब मिल मंगल गाओ रे,
सब मिल खुशियाँ मनाओ रे।
संग चारो भाई अनूप सोहे,
वर वधु सुखधाम है,
महिमा ना कोई कहि सके,
मंगल भवन सिया राम है,
सारी नगरिया में भोर भई है,
सब मिल पुण्य कमाओ री।
राम सिया के शुभ विवाह की घड़ी है,
मिल मंगल गाओ रे,
सब मिल खुशियाँ मनाओ रे।
विधी का विधान देखो,
हो रहा मिलन।
देवगण मुनि जण सकल जग,
कर रहे नमन।
धन्य धन्य हुई आज जनकपुरी है,
सब मिल मिल मंगल गाओ री।।
लागे पखारण पावं पंकज,
प्रेम तन पुलका कली,
नव नगर गान निसाह जैगुनि,
उमग जन चहु जिस चली।।
गंगा जिन चरणन बिराजे,
सारी सृष्टि के निधपती,
नित् ध्यान में हर क्षण है रखते,
जिनको जण जोगी जती।
संग चारो भाई अनूप सोहे,
वर वधु सुखधाम है,
महिमा ना कोई कहि सके,
मंगल भवन सिया राम है,
सारी नगरिया में भोर भई है,
सब मिल पुण्य कमाओ री।
धन्य धन्य हुई आज जनकपुरी है,
सब मिल मिल मंगल गाओ री।।
दानो में दान महादान कन्यादान,
राजा जनक करते सिया का शुभ दान।।
विधी का विधान देखो,
हो रहा मिलन।
देवगण मुनि जण सकल जग,
कर रहे नमन।
धन्य धन्य हुई आज जनकपुरी है।
नियति की लीला अद्बुद्ध भई है,
सब मिल मिल मंगल गाओ री,
राम सिया के शुभ विवाह की घड़ी है,
मिल मंगल गाओ री।
राम सिया राम राम सिया राम
राम सिया के राम……..