भगवान शिव के 108 नाम |108 Names Of Lord Shiva In Hindi
- ॐ महाकाल नमः
- ॐ रुद्रनाथ नमः
- ॐ भीमशंकर नमः
- ॐ नटराज नमः
- ॐ प्रलेयन्कार नमः
- ॐ चंद्रमोली नमः
- ॐ डमरूधारी नमः
- ॐ चंद्रधारी नमः
- ॐ भोलेनाथ नमः
- ॐ कैलाश पति नमः
- ॐ भूतनाथ नमः
- ॐ नंदराज नमः
- ॐ नन्दी की सवारी नमः
- ॐ ज्योतिलिंग नमः
- ॐ मलिकार्जुन नमः
- ॐ भीमेश्वर नमः
- ॐ विषधारी नमः
- ॐ बम भोले नमः
- ॐ विश्वनाथ नमः
- ॐ अनादिदेव नमः
- ॐ उमापति नमः
- ॐ गोरापति नमः
- ॐ गणपिता नमः
- ॐ ओंकार स्वामी नमः
- ॐ ओंकारेश्वर नमः
- ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
- ॐ भोले बाबा नमः
- ॐ शिवजी नमः
- ॐ शम्भु नमः
- ॐ नीलकंठ नमः
- ॐ महाकालेश्वर नमः
- ॐ त्रिपुरारी नमः
- ॐ त्रिलोकनाथ नमः
- ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
- ॐ बर्फानी बाबा नमः
- ॐ लंकेश्वर नमः
- ॐ अमरनाथ नमः
- ॐ केदारनाथ नमः
- ॐ मंगलेश्वर नमः
- ॐ अर्धनारीश्वर नमः
- ॐ नागार्जुन नमः
- ॐ जटाधारी नमः
- ॐ नीलेश्वर नमः
- ॐ जगतपिता नमः
- ॐ मृत्युन्जन नमः
- ॐ नागधारी नमः
- ॐ रामेश्वर नमः
- ॐ गलसर्पमाला नमः
- ॐ दीनानाथ नमः
- ॐ सोमनाथ नमः
- ॐ जोगी नमः
- ॐ भंडारी बाबा नमः
- ॐ बमलेहरी नमः
- ॐ गोरीशंकर नमः
- ॐ शिवाकांत नमः
- ॐ महेश्वराए नमः
- ॐ महेश नमः
- ॐ संकटहारी नमः
- ॐ महेश्वर नमः
- ॐ रुंडमालाधारी नमः
- ॐ जगपालनकर्ता नमः
- ॐ पशुपति नमः
- ॐ संगमेश्वर नमः
- ॐ दक्षेश्वर नमः
- ॐ घ्रेनश्वर नमः
- ॐ मणिमहेश नमः
- ॐ अनादी नमः
- ॐ अमर नमः
- ॐ आशुतोष महाराज नमः
- ॐ विलवकेश्वर नमः
- ॐ अचलेश्वर नमः
- ॐ ओलोकानाथ नमः
- ॐ आदिनाथ नमः
- ॐ देवदेवेश्वर नमः
- ॐ प्राणनाथ नमः
- ॐ शिवम् नमः
- ॐ महादानी नमः
- ॐ शिवदानी नमः
- ॐ अभयंकर नमः
- ॐ पातालेश्वर नमः
- ॐ धूधेश्वर नमः
- ॐ सर्पधारी नमः
- ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
- ॐ हठ योगी नमः
- ॐ विश्लेश्वर नमः
- ॐ नागाधिराज नमः
- ॐ सर्वेश्वर नमः
- ॐ उमाकांत नमः
- ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
- ॐ त्रिकालदर्शी नमः
- ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
- ॐ महादेव नमः
- ॐ गढ़शंकर नमः
- ॐ मुक्तेश्वर नमः
- ॐ नटेषर नमः
- ॐ गिरजापति नमः
- ॐ भद्रेश्वर नमः
- ॐ त्रिपुनाशक नमः
- ॐ निर्जेश्वर नमः
- ॐ किरातेश्वर नमः
- ॐ जागेश्वर नमः
- ॐ अबधूतपति नमः
- ॐ भीलपति नमः
- ॐ जितनाथ नमः
- ॐ वृषेश्वर नमः
- ॐ भूतेश्वर नमः
- ॐ बैजूनाथ नमः
- ॐ नागेश्वर नमः
भगवान शिव जी के 108 नाम अर्थ सहित | shiva 108 names
- शिव – कल्याण स्वरूप
- महेश्वर – माया के अधीश्वर
- शम्भू – आनंद स्वरूप वाले
- पिनाकी – पिनाक धनुष धारण करने वाले
- शशिशेखर – चंद्रमा धारण करने वाले
- वामदेव – अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
- विरूपाक्ष – विचित्र अथवा तीन आंख वाले
- कपर्दी – जटा धारण करने वाले
- नीललोहित – नीले और लाल रंग वाले
- शंकर – सबका कल्याण करने वाले
- शूलपाणी – हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
- खटवांगी– खटिया का एक पाया रखने वाले
- विष्णुवल्लभ – भगवान विष्णु के अति प्रिय
- शिपिविष्ट – सितुहा में प्रवेश करने वाले
- अंबिकानाथ– देवी भगवती के पति
- श्रीकण्ठ – सुंदर कण्ठ वाले
- भक्तवत्सल – भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
- भव – संसार के रूप में प्रकट होने वाले
- शर्व – कष्टों को नष्ट करने वाले
- त्रिलोकेश– तीनों लोकों के स्वामी
- शितिकण्ठ – सफेद कण्ठ वाले
- शिवाप्रिय – पार्वती के प्रिय
- उग्र – अत्यंत उग्र रूप वाले
- कपाली – कपाल धारण करने वाले
- कामारी – कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
- सुरसूदन – अंधक दैत्य को मारने वाले
- गंगाधर – गंगा को जटाओं में धारण करने वाले
- ललाटाक्ष – माथे पर आंख धारण किए हुए
- महाकाल – कालों के भी काल
- कृपानिधि – करुणा की खान
- भीम – भयंकर या रुद्र रूप वाले
- परशुहस्त – हाथ में फरसा धारण करने वाले
- मृगपाणी – हाथ में हिरण धारण करने वाले
- जटाधर – जटा रखने वाले
- कैलाशवासी – कैलाश पर निवास करने वाले
- कवची – कवच धारण करने वाले
- कठोर – अत्यंत मजबूत देह वाले
- त्रिपुरांतक – त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले
- वृषांक – बैल-चिह्न की ध्वजा वाले
- वृषभारूढ़ – बैल पर सवार होने वाले
- भस्मोद्धूलितविग्रह – भस्म लगाने वाले
- सामप्रिय – सामगान से प्रेम करने वाले
- स्वरमयी – सातों स्वरों में निवास करने वाले
- त्रयीमूर्ति – वेद रूपी विग्रह करने वाले
- अनीश्वर – जो स्वयं ही सबके स्वामी है
- सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाले
- परमात्मा – सब आत्माओं में सर्वोच्च
- सोमसूर्याग्निलोचन – चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
- हवि – आहुति रूपी द्रव्य वाले
- यज्ञमय – यज्ञ स्वरूप वाले
- सोम – उमा के सहित रूप वाले
- पंचवक्त्र – पांच मुख वाले
- सदाशिव – नित्य कल्याण रूप वाले
- विश्वेश्वर– विश्व के ईश्वर
- वीरभद्र – वीर तथा शांत स्वरूप वाले
- गणनाथ – गणों के स्वामी
- प्रजापति – प्रजा का पालन- पोषण करने वाले
- हिरण्यरेता – स्वर्ण तेज वाले
- दुर्धुर्ष – किसी से न हारने वाले
- गिरीश – पर्वतों के स्वामी
- गिरिश्वर – कैलाश पर्वत पर रहने वाले
- अनघ – पापरहित या पुण्य आत्मा
- भुजंगभूषण – सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले
- भर्ग – पापों का नाश करने वाले
- गिरिधन्वा – मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
- गिरिप्रिय – पर्वत को प्रेम करने वाले
- कृत्तिवासा – गजचर्म पहनने वाले
- पुराराति – पुरों का नाश करने वाले
- भगवान् – सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
- प्रमथाधिप – प्रथम गणों के अधिपति
- मृत्युंजय – मृत्यु को जीतने वाले
- सूक्ष्मतनु – सूक्ष्म शरीर वाले
- जगद्व्यापी– जगत में व्याप्त होकर रहने वाले
- जगद्गुरू – जगत के गुरु
- व्योमकेश – आकाश रूपी बाल वाले
- महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता
- चारुविक्रम – सुन्दर पराक्रम वाले
- रूद्र – उग्र रूप वाले
- भूतपति – भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी
- स्थाणु – स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
- अहिर्बुध्न्य – कुण्डलिनी- धारण करने वाले
- दिगम्बर – नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले
- अष्टमूर्ति – आठ रूप वाले
- अनेकात्मा – अनेक आत्मा वाले
- सात्त्विक– सत्व गुण वाले
- शुद्धविग्रह – दिव्यमूर्ति वाले
- शाश्वत – नित्य रहने वाले
- खण्डपरशु – टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
- अज – जन्म रहित
- पाशविमोचन – बंधन से छुड़ाने वाले
- मृड – सुखस्वरूप वाले
- पशुपति – पशुओं के स्वामी
- देव – स्वयं प्रकाश रूप
- महादेव – देवों के देव
- अव्यय – खर्च होने पर भी न घटने वाले
- हरि – विष्णु समरूपी
- पूषदन्तभित् – पूषा के दांत उखाड़ने वाले
- अव्यग्र – व्यथित न होने वाले
- दक्षाध्वरहर – दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले
- हर – पापों को हरने वाले
- भगनेत्रभिद् – भग देवता की आंख फोड़ने वाले
- अव्यक्त – इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
- सहस्राक्ष – अनंत आँख वाले
- सहस्रपाद – अनंत पैर वाले
- अपवर्गप्रद – मोक्ष देने वाले
- अनंत – देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित
- तारक – तारने वाले
- परमेश्वर – प्रथम ईश्वर