निराले दूल्हे में मतवाले दूल्हे में सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में
निराले दूल्हे में मतवाले दूल्हे में,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में।।
देखो भोले बाबा की अजब है बात,
चले हैं संग ले कर के भूतों की बारात,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में।।
है भेस निराला, जय हो
पीये भंग का प्याला, जय हो
सर जटा चढ़ाये, जय हो
तन भसम लगाए, जय हो
ओढ़े मृगशाला, जय हो
गले नाग की माला, जय हो
है शीश पे गंगा, जय हो
मस्तक पे चंदा, जय हो
तेरे डमरू साजे, जय हो
त्रिशूल विराजे, जय हो
भूतों की लेके टोली, चले हैं ससुराल,
शिव भोले जी दिगंबर, हो बैल पे सवार,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में।।
नित रहें अकेले, जय हो
शंकर अलबेले, जय हो
हैं गुरु जगत के, जय हो
नहीं किसी के चेले, जय हो
है भांग का जंगल, जय हो
जंगल में मंगल, जय हो
भूतों की पल्टन, जय हो
आ गयी है बन ठन, जय हो
ले बांग का गठ्ठा, जय हो
ले कर सिल बट्टा, जय हो
सब घिस रहें है, जय हो
हो हक्का बक्का, जय हो
पी कर के प्याले, जय हो
हो गए मतवाले, जय हो
कोई नाचे गावे, जय हो
कोई ढोल बजावे, जय हो
कोई भौं बतलावे, जय हो
कोई मुंह पिचकावे, जय हो
भोले भंडारी, जय हो
पहुंचे ससुरारी, जय हो
सब देख के भागे, जय हो
सब नर और नारी, जय हो
कोई भागे अगाड़ी, जय हो
कोई भागे पिछाड़ी, जय हो
खुल गयी किसी की, जय हो
धोती और साड़ी, जय हो
कोई कूदे खम्बम, जय हो
कोई बोले बम बम, जय हो
कोई कद का छोटा, जय हो
कोई एकदम मोटा, जय हो
कोई तन का लम्बा, जय हो
कोई ताड़ का खम्बा, जय हो
कोई है इक टंगा, जय हो
कोई बिलकुल नंगा, जय हो
कोई एकदम काला, जय हो
कोई दो सीर वाला, जय हो
‘शर्मा’ गुण गए, जय हो
मन में हर्षाए, जय हो
त्रिलोक के स्वामी, जय हो
क्या रूप बनाए, जय हो
भोले के साथी, जय हो
हैं अजब बराती, जय हो
भूतों की ले कर टोली चले हैं ससुराल,
शिव भोले जी दिगंबर हो बैल पे सवार,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में।।
निराले दूल्हे में मतवाले दूल्हे में,
सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में।।