Last updated on May 14th, 2024 at 06:29 pm
आठ ही के काठ के कोठरिया छठ गीत लिरिक्स
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ , रूपे छा~ने लागल केवाड़।
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ , रूपे छा~ने लागल केवाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।
पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।
बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा हसत बोलत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के काया