Last updated on May 14th, 2024 at 04:10 pm
जटा में गंगा माथे पे चंदा भजन लिरिक्स
जटा में गंगा माथे पे चंदा
तन में भस्म रामाया है
गोरा संग कैलाश विराजे
अदभुद तेरी माया है
जटा में गंगा माथे पे चंदा
तन में भस्म रमाया है
मुझे भी है नाथ बुलालो
दर्शन दो के तुझे सदा
जपु मैं ओम नमः शिवाय
शंभू रहना सदा सहायक
बेल पत्र सा तीन नेत्र है
टीनो लोक निहार रहे
भोले नाथ जी देदो साथ जी
भक्त तुम्हारे पुकार रहे
सावन के जैसा ही मुझापारी
भगती का रास दो बरस
जपु मैं ओम नमः शिवाये
महादेव हो महाकाल हो
उमा पति अविनाशी
तुम्हारी अधिक हो तुम्हारी अंत हो
तुम्ही नाथ घाट घाट वासी