सात फेरो की घड़ी शुभ आ गई। Saat Pheron Ki Ghadi Shubh Aa Gayi Bhajan Lyrics
सात फेरो की घड़ी शुभ आ गई।
सात फेरो की घड़ी, शुभ आ गई,
चहुंदिश आनंद की रटू छा गई।
आज शुभ परिणय है आदि शक्ति और महादेव का।
विश्व में अत्यंत दुर्लभ परम पावन नेह का
चहुँदिशी आनंद की रटू छा गई
सात फेरो की घड़ी शुभ आ गई।
पाँच तत्त्वों के हृदय गर्वित हुए स्वमेव हैं।
साक्षी बन कर इस घड़ी के धन्य अग्नि देव हैं
प्रेम सुर नर मुनि को ये छवि भा गई छवि भा गई
चहुंदिश आनंद की रटू छा गई।
सात फेरे सातो जन्मों के ही बस रखवाले हैं।
लेकिन ये तो स्वयं ही महादेवी और महाकाल हैं
इनके दिव्य त्रिकाल बेला पा गई बेला पा गई
चहुँदिशी आनंद की रत्तो छ गई रत्तो छ गई