गौरा को बिहाने लिरिक्स
कैसा ये अनोखा कर के,
आए हैं श्रृंगार जी,
सर्पों का सेहरा, बिछु का कुंडल,
आए हैं नंदी पे सवार जी,
बाबा जी मेरे बाबा जी,
ओ भोले बाबा जी,
मेरे बाबा जी….
गौरा को बिहाने देखो,
आए हैं भोलेनाथ जी,
संग लेकर जाएंगे,
कैलाश भोलेनाथ जी ………
ब्रह्मा विष्णु आए हैं,
देवों को संग लाए हैं,
ऋषि मुनियों संग नारद,
झूमे नाच गाये हैं,
तन पे भस्म है, मुंडो की माला है,
अजब भोले की बारात जी,
ढोल मंजीरा भूत बजाये,
नाचे हैं शंभुनाथ जी……
गौरा को बिहाने देखो,
आए हैं भोलेनाथ जी,
संग लेकर जाएंगे,
कैलाश भोलेनाथ जी….
मैना में समझया जी,
बाबा मरघटवासी जी,
तू है महलो की रानी गौरा,
कैसे बनेगी तू दासी जी,
गौरा बोली जन्मों का नाता है,
लगन ऐसी मोहे लागी जी,
भोले के ध्यान में रहते मैं तो,
भोले बिन हूं आधी जी……
गौरा को बिहाके चले,
बाबा भोलेनाथ जी,
तीनो लोक में जय जयकार है,
गौरा शंभुनाथ की…….
कभी योगी कभी जोगी,
बाबा के रूप अनेक जी,
गौर के मन को भाते हैं बाबा,
हुए हैं अब दोनो एक जी,
बाबा जी मेरे बाबा जी,
ओ भोले बाबा जी,
मेरे बाबा जी……