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श्री सिद्धिविनायक मंत्र और आरती लिरिक्स
ॐ ॐ ॐ
वक्रतुंड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा ।
ॐ…
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ति मोरया ।
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ति मोरया ।
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ति मोरया ।
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया
मंगल मूर्ति मोरया ।
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,
कंठी झलके माल मुक्ताफलाची ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,
जय देव जय देव ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,
जय देव जय देव ।
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा,
हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,
जय देव जय देव ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,
जय देव जय देव ।
शेंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुखको,
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को,
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को,
महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को,
जय देव जय देव ।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ।
लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना,
सरल सोंड वक्रतुंड त्रिनयना,
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,
जय देव जय देव ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,
जय देव जय देव ।
आस्था सीधी दासी संकट को बैरी,
विघ्न विनाशन मंगल मूरत अधिकारी,
कोटि सूरज प्रकाश ऐसी छवि तेरी,
गंडस्थल मदमस्तक झूले शशि बिहारी,
जय देव जय देव ।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ।
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे,
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे,
जय देव जय देव ।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,
जय देव जय देव ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,
जय देव जय देव ।