Last updated on May 14th, 2024 at 04:32 pm
वो है कितनी दीनदयाल सखी भजन लिरिक्स
कोई कमी नही है,
दर मैया के जाके देख,
देगी तुझे दर्शन मैया,
तू सर को झुका के देख,
अगर आज़माना है,
तो आजमा के देख,
पल भर में भरेगी झोली,
तू झोली फैला के देख।।
वो है जग से बेमिशाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
जो सच्चे दिल से,
द्वार मैया के जाता है,
वो मुँह माँगा वर,
जग-जननी से पाता है,
फिर रहे ना वो, कंगाल सखी,
हो जाए, मालामाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
माँ पल पल करती,
अपने भगत की रखवाली,
दुख रोग हरे,
एक पल में माँ शेरोंवाली,
करे पूरे सभी सवाल सखी,
बस मन से भरम निकाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
माँ भर दे खाली गोद,
की आँगन भर देवे,
खुशियो के लगा दे ढेर,
सुहागन कर देवे,
माँओ को देती लाल सखी,
रहने दे ना कोई मलाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
हर कमी करे पूरी,
माँ अपने प्यारों की,
लंबी है कहानी,
मैया के उपकरो की,
देती है मुसीबत टाल सखी,
कहा जाए ना सारा हाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
वो है जग से बेमिशाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।