बाबुल के घर से चली लिरिक्स
बाबुल के घर से चली,
पिया जी के द्वारे,
अंखियां रो रोके कहिन,
हस्के जा रे,
बाबुल के घर से चली,
पिया जी के द्वारे,
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली
मात पिता का प्यार दुल्हार
मात पिता का प्यार दुल्हार
ममता सेन्ह सब छूट रहा है
कलेजे पे पत्थर रखें हैं सभी
अब तो नहीं नाता टूट रहा है
अब तो नहीं नाता टूट रहा है
ऐसी घड़ी में इक तो देखे हैं सारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली
पिया जी के द्वारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
कुछ भी ना सूझे क्या सोचे विचारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली
पिया जी के द्वारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली
जप तप से ही पार्वती तुझे
पति रूप में शिव भोले मिले हैं
जप तप से ही पार्वती तुझे
पति रूप में शिव भोले मिले हैं
इस अनमोल रिश्ते को निभाना है
इस अनमोल रिश्ते को निभाना है
तेरे जीवन की बगियाँ में फूल खिले हैं
तेरे जीवन की बगियाँ में फूल खिले हैं
देते हैं आशीष मिले सुख सारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली
पिया जी के द्वारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली
बाबुल के घर से चली
पिया जी के द्वारे
अंखियां रो रोके कहिन
हस्के जा रे
बाबुल के घर से चली.