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मैया नवरात्रो में जब इस धरती पे आती है भजन लिरिक्स
मैया नवरात्रो में जब इस धरती पे आती है
मैया नवरात्रो में जब इस धरती पे आती है
किसको क्या देना है यह सोच के आती है
किसको क्या देना है यह सोच के आती है
मैया नवरात्रो में जब इस धरती पे आती है
पहले नवरात्रो में मा सबकी खबर लेती है
दूजे नवरात्रो में अपने खाते में लिख लेती है
दूजे नवरात्रो में अपने खाते में लिख लेती है
तीजे नवरात्रो में बात आगे बढ़ावे आगे
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है,
किसको क्या देना है
यह सोच के आती है
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है
चौथे नवरात्रो में मा आसन लगाती है
पांचवे नवरात्रो में आ गयी हू बतलाती है
छट्ठे नवरात्रो में सबको दर्शन करती है
मैया नवरात्रो में जब इस धरती पे आती है
किसको क्या देना है, यह सोच के आती है
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है
सातवे नवरात्रो में खोल देती खजाने है
आठवे नवरात्रो में लग जाती लुटाने में
नौवे नवरात्रो में दोनो हांथों से लुटाती है
मैया नवरात्रो में जब इस धरती पे आती है
किसको क्या देना है यह सोच के आती है
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है
दसवे दिन जब माँ की बिदाई आती है,
सारी धरती के लोगो की आँख भर आती है
फिर आवुंगी वादा करके मैया चली जाती है
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है
किसको क्या देना है यह सोच के आती है
मैया नवरात्रो में जब धरती पे आती है