करना है तो पुण्य करम कर भजन लिरिक्स
करना है तो, कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले।
बोलना है, तो बोल ले सत्य,
देना है दे दान।
करना है, तो कोई, पुण्य करम कर।
माया समेटे काहे ,
गुण न संभाले तू।
दया धरम तू न करता ,
दुखिओं को टाले तू।
हो नादाँ रे।
बिना दया के न भविष्य ,
ना ही वर्तमान।
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले। टेर।
मन में तो मेल है तेरे ,
गंगा नहाए क्या।
माता पिता को न पूछे ,
काशी को जाये क्या।
हो नादाँ रे।
माता पिता बिन मोक्ष मिले ना ,
ना ही भगवान।
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले। टेर।
मदिरा को त्याग दे तू ,
पीना है क्रोध पी।
जीवन में काम आएगा ,
भक्ति और प्रेम ही।
हो नादाँ रे।
कभी भूल के भी औ बन्दे ,
ना कर अभिमान।
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले। टेर।
जाना है तुझको एक दिन,
झूठे संसार से।
जीत ले सबके दिल को तू ,
अच्छे व्यव्हार से।
हो नादाँ रे
बड़ा हो या छोटा किसी का ,
ना कर अपमान।
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले। टेर।