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मंगल मूरति मारुतनंदन जय हनुमान भजन लिरिक्स
मनोजवम मारुत तुल्य वेगम, जितेंद्रियम बुद्धिमतां वरिष्ठं
वातात्मजं वानारायूथ मुख्यम, श्रीराम दूतं शरणम प्रपद्धे ||
मंगल मूरति, मारुतनंदन, भक्तविभूषण जय हनुमान
सकल अमंगल, मूल निकंदन, संकट मोचन जय हनुमान ||
(जय हनुमान – जय हनुमान ) – २
(जय हनुमान -जय हनुमान, जय हनुमान -जय हनुमान) – २
पवन तनय संतन हितकारी, ह्रदय बिराजत अवधविहारी
राम लखन सीता श्री चरण में, भक्तविभूषण जय हनुमान ||
जय हनुमान …
मातुपिता, गुरु, गनपति, सारद, सिवा समेत संभु सुख नारद
राम लखन सीता श्री चरण में, भक्तविभूषण जय हनुमान ||
जय हनुमान …
चरन बंदी बिनबौ सब काहूँ, देहु रामपद नेह निबाहूं
राम लखन सीता श्री चरण में, भक्तविभूषण जय हनुमान ||
जय हनुमान …
बंदौ राम लखन बैदेही, जे तुलसी के परम सनेही
राम लखन सीता श्री चरण में, भक्तविभूषण जय हनुमान ||
जय हनुमान …